सोयाबीन को अत्यधिक पोषक फसल माना जाता है। इसके अतिरिक्त यह उच्च है
उपज की संभावना। सोयाबीन को ‘गोल्डन बीन”‘ के रूप में जाना जाता है
इसके कई उपयोगों के कारण फसल ‘ यह प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है और
तेल का भी
इसमें लगभग 43% अच्छी गुणवत्ता वाला प्रोटीन, 21% कार्बोहाइड्रेट,
5% खनिज, 8% नमी, 20% वसा, 4% फाइबर और उचित मात्रा में
विटामिन होते हैं।
- सोयाबीन को प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत माना जाता है क्योंकि यह
- चावल में 7%, गेहूं में 12%, मक्का में 10% के मुकाबले 43% प्रोटीन होता है
- और अन्य दालों में 20 – 25%।
- भारत में, सोयाबीन मुख्य रूप से मध्य राज्य में उगाया जाता है
- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक,
- छत्तीसगढ़ और भारत के कुछ अन्य हिस्सों में भी सोयाबीन उगाया जाता है।
- वर्ष 2010 में कुल सोयाबीन उत्पादन में भारत 101.283 लाख मीट्रिक टन था जिसमें से राज्य का हिस्सा 60.987 लाख मीट्रिक टन था। तो मध्य प्रदेश उचित रूप से सबसे ज्यादा सोयाबीन उत्पादक है
- जिसे भारत का सोयाबीन राज्य कहा जाता है।
- यही नहीं, सोयाबीन बहुत ही गुणकारी है
- म.प्र की महत्वपूर्ण फसल सोयाबीन लगभग 55.084 लाख हेक्टेयर में लगा था
- वर्ष 2010 में सोयाबीन की खेती करने वाले 40 लाख से अधिक किसान थे।
- इस प्रकार एम.पी., सोयाबीन के लिए
- एक संभावित रोजगार जनरेटर के साथ-साथ विदेशी के रूप में उभरा है।
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